Class 6 Hindi Sem 2 Chapter 3 Swadhyay (ધોરણ 6 હિન્દી સેમ 2 એકમ 3 અભ્યાસ અને સ્વાધ્યાય)

Class 6 Hindi Sem 2 Chapter 3 Swadhyay
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Class 6 Hindi Sem 2 Chapter 3 Swadhyay. ધોરણ 6 સેમ 2 હિન્દી વિષયના એકમ 3 નું અભ્યાસ અને સ્વાધ્યાય વાંચી અને લખી શકશો. ધોરણ 6 હિન્દી સેમ 2 એકમ 3 અભ્યાસ અને સ્વાધ્યાય.

कक्षा : 6

विषय : हिन्दी

एकम : 3. जरा मुस्कुराइए

सत्र : द्वितीय

अभ्यास

प्रश्न 1. सामयिकों, अखबारों में से चुटकुले पढ़िए और कक्षाकक्ष में सुनाइए। आपने जो चुटकुले सुने हों या पढ़े हों, उन्हें लिखिए :

(1) पिता : राजू, तुम हर बार इतिहास में अनुत्तीर्ण क्यों हो जाते हो?

राजू : क्योंकि, इस विषय के सभी प्रश्न उस समय के होते है, जब मैं पैदा भी नहीं हुआ था।

(2) पिता : (बेटे से) बेटा, जाओ डाकघर से दो चिट्ठियाँ ले आओ।

बेटा : पापा पैसे तो दीजिए ।

पिता : अरे बेटे! पैसों से तो सभी ले आते हैं। अगर तुम मेरे बेटे हो तो बिना पैसे के लेकर आओ (थोड़ी देर में ही बेटा ४-५ चिट्ठियाँ लेकर आ गया ।)

पिता : अरे! ये तो पहले से ही लिखी हैं।

बेटा : पापा अगर आप मेरे पापा है तो लिखी चिट्ठियों पर ही लिखकर दिखाइए।

(3) सोहन : सोनल बताओ, अक्ल बड़ी या भैंस?

सोनल : भैया, पहले दोनों के जन्मदिन बताओ तभी तो पता चलेगा कि कौन बड़ा है।

(4) टीचर : जहाँ बहुत बारिश होती है, वहाँ कौन-सी चीज़ ज्यादा पैदा होती है?

छात्र : जी, कीचड़ ।

(5) पिता : लंका को ‘सोने की लंका’ क्यों कहते थे?

बेटा : इसलिए कि वहाँ कुम्भकर्ण जैसे सोनेवाले लोग थे।

प्रश्न 2. निम्नलिखित परिच्छेद में से मुहावरे ढूंढ़िए और उनके अर्थ देकर वाक्य-प्रयोग कीजिए :

रमेश पढ़ाई में होशियार लड़का है, इसलिए रमेश पिताजी की आँखों का तारा है। इस साल रमेश ने कमर कसके परीक्षा की तैयारी की थी। जब वह परीक्षा देने गया तो उसका ईद का चांद मित्र महेश का नंबर भी उसके नजदीक था। महेश आस्तीन का साँप निकला और वह अध्यापक की नज़र चुराके रमेश की कॉपी में से नकल कर रहा था। उस वक्त अध्यापक ने देखा और वे आग बबूला हो गये।

उत्तर :

(1) आँखों का तारा – बहुत प्यारा

वाक्य : गौरव अपनी माँ की आँखों का तारा है।

(2) कमर कसना – अच्छी तरह तैयार होना

वाक्य : मैंने भी प्रतियोगिता में जीतने के लिए कमर कस ली है।

(3) ईद का चाँद होना – बहुत दिन बाद मिलना।

वाक्य : आजकल तुम, ईद के चाँद हो गए हो, दिखाई नहीं देते।

(4) आस्तीन का साँप – कपटी मित्र, मित्र बनकर शत्रु जैसा व्यवहार करना ।

वाक्य : मैंने मनोज पर पूरा विश्वास किया, लेकिन वह आस्तीन का सांप निकला ।

(5) नज़र चुराना – किसी का ध्यान न जाए इस तरह काम करना

वाक्य : अपराधी पुलिस की नज़र चुराकर भाग गया।

(6) आग बबूला होना – बहुत क्रोधित होना

वाक्य : नौकर से गुलदस्ता टूट जाने पर मालकिन आग बबूला हो गई ।

प्रश्न 3. रेखांकित शब्दों के लिंग बदलकर वाक्य फिर से लिखिए :

(1) मेरे दादाजी यात्रा पर गये है।

उत्तर : मेरी दादीजी यात्रा पर गयी हैं।

(2) एक आदमी ने मुझसे कहा।

उत्तर : एक औरत ने मुझसे कहा ।

(3) लेखक कहानी लिख रहा है।

उत्तर : लेखिका कहानी लिख रही है।

(4) मेरी मालकिन का स्वभाव बहुत अच्छा है।

उत्तर : मेरे मालिक का स्वभाव बहुत अच्छा है।

(5) बारिश को देखकर मोर नाचने लगा।

उत्तर : बारिश को देखकर मोरनी नाचने लगी।

(6) जंगल में शेर दहाड़ रहा है।

उत्तर : जंगल में शेरनी दहाड़ रही है।

(7) सेठ दुकान में बैठे हैं।

उत्तर : सेठानी दुकान में बैठी हैं।

(8) अध्यापक पढ़ रहे हैं।

उत्तर : अध्यापिका पढ़ रही है।

(9) पंडित रामायण सुनाने लगे।

उत्तर : पंडिताइन रामायण सुनाने लगी।

(10) लड़का दुकान के पास खड़ा है।

उत्तर : लड़की दुकान के पास खड़ी है।

प्रश्न 4. उदाहरण के अनुसार शब्द का चार-चार वाक्यों में प्रयोग कीजिए :

उदाहरण :

घर :

(1) मेरा घर सूरत में है।

(2) मुझे अपना घर बहुत पसंद है।

(3) मेरे घर में तीन कमरे हैं।

(4) मैं अपना घर साफ रखता हूँ।

(1) बाग :

उत्तर :

(1) बाग में फूल होते हैं।

(2) बाग में लड़के खेलते हैं।

(3) मैं रोज बाग में जाता हूँ।

(4) यह बाग बहुत सुंदर है।

(2) नदी :

उत्तर :

(1) हम नदी में नहाते हैं।

(2) लोग नदी में तैरते हैं।

(3) नदी में नावें चलती हैं।

(4) गंगा पवित्र नदी है।

(3) दोस्त :

उत्तर :

(1) गौरव मेरा दोस्त है।

(2) मेरा दोस्त पढ़ने में होशियार हैं।

(3) मैं अपने दोस्त के साथ खेलता हूँ।

(4) जीवन में दोस्त होना जरूरी है।

(4) पसंद :

उत्तर :

(1) मुझे गुलाब का फूल पसंद है।

(2) दीदी की पसंद चमेली का फूल है।

(3) माँ केवड़ा पसंद करती है।

(4) सबकी अपनी-अपनी पसंद होती है।

(5) कहानी :

उत्तर :

(1) मैं प्रेमचंदजी की कहानी पढ़ रहा था।

(2) मुझे कहानी पढ़ने का शौक है।

(3) गुरुजी ने हमें एक दिलचस्प कहानी सुनाई।

(4) बच्चे कहानी सुनने में मग्न थे।

प्रश्न 5. कहावतों के अर्थ दिए गए हैं, कक्षा में उदाहरण देकर चर्चा कीजिए :

(1) अक्ल बड़ी या भैंस? – शरीर बड़ा होने की अपेक्षा अक्ल बड़ी होती है।

शिक्षक : हमारी अक्ल मस्तिष्क में होती है, मस्तिष्क हमारी खोपड़ी में होता है। हमारी खोपड़ी भैंस से बहुत छोटी होती है और अक्ल तो उससे और भी छोटी होती है। फिर भी अक्ल को भैंस से बड़ी क्यों कहा जाता है?

एक विद्यार्थी : गुरुजी, कद में बड़े होने से ही कोई बड़ा नहीं हो जाता। रोग का एक कीटाणु छोटा होने पर भी हमें बीमार बनाकर कड़वी दवा खाने के लिए मजबूर कर देता है। इसी तरह अक्ल सूक्ष्म और अदृश्य शक्ति है। यह सारा ज्ञान-विज्ञान मनुष्य की अक्ल का जलसा है। यदि भैंस में अक्ल होती तो वह ‘पशु’ क्यों कहलाती? मनुष्य के पास अक्ल है, इसलिए वह भैंस को पालकर उसका दूध निकालता है। हाथी और शेर भी मनुष्य के वश मे हो जाते है। इसीलिए मनुष्य की अक्ल को भैंस से बड़ा माना जाता है।

शिक्षक : हाँ, इसीलिए तो कहावत है- अक्ल बड़ी या भैंस?

(2) आसमान से गिरा खजूर में अटका – एक के बाद एक विपत्ति में फँसना।

शिक्षक : गोपाल, क्या इस कहावत का तुम्हें कभी अनुभव हुआ है?

गोपाल : हाँ गुरुजी, एक बार मेरे दादाजी बीमार हुए। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराकर पिताजी घर लौटे तो देखा कि बाथरूम में पैर फिसल जाने से दादी के हाथ और सिर में गहरी चोट आई है। तब, उनके मुँह से मैंने यही कहावत सुनी थी- आसमान से गिरा खजूर में अटका

(3) आये थे हरिभजन को ओटन लगे कपास – अच्छा काम छोड़कर महत्त्वहीन काम में लग जाना ।

शिक्षक : धवल, क्या तुम इस कहावत का कोई उदाहरण दे सकते हो?

धवल : क्यों नहीं गुरुजी, मेरे चाचाजी फिल्म में अभिनेता बनने के लिए लखनऊ से मुंबई आए थे। बहुत कोशिश की, पर किसी फिल्म में मौका नहीं मिला। आखिर उन्हें एक दफ्तर में क्लर्क बनकर जीविका चलानी पड़ी। एक दिन मैंने उनके मुँह से यही कहावत सुनी थी आए थे हरिभजन को ओटन लगे कपास ।

(4) जो गरजते हैं वो बरसते नहीं – जो डींग मारते हैं, वे काम नहीं कर सकते।

शिक्षक : सलिल, क्या तुम इस कहावत का उदाहरण दे सकते हो?

सलिल : गुरुजी, हमारे मुहल्ले में बरसों से पानी की किल्लत है। पिछले नगरपालिका चुनाव में हर पार्टी के नेता ने लोगों से कहा कि यदि वे चुनकर आएँगे, तो कुछ दिनों में ही लोगों को नियमित रूप से भरपूर पानी दिलाएँगे। चुनाव हुए दो साल हो गए। जो उम्मीदवार जीता, वह अभी तक कहीं नजर नहीं आया। अब इसे आप क्या कहेंगे?

शिक्षक : सच है, जो गरजते हैं वो बरसते नहीं।

(5) जैसी करनी, वैसी भरनी – जो जैसा करता है, उसे उसीके अनुसार भुगतना पड़ता है।

शिक्षक : सूरज, क्या इस कहावत को तुम सच मानते हो?

सूरज : गुरुजी, अभी मैं स्कूल आ रहा था तो एक युवक एक महिला के गले से सोने की जंजीर झटककर भाग रहा था। महिला के चिल्लाने पर लोगों ने उसे पकड़ लिया और उसकी खूब पिटाई की। फिर उसे पुलिस के हवाले कर दिया। अब इसे हम क्या कहेंगे?

मोहन : जैसी करनी वैसी भरनी ।

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