Class 6 Hindi Sem 2 Chapter 7 Swadhyay (ધોરણ 6 હિન્દી સેમ 2 એકમ 7 અભ્યાસ અને સ્વાધ્યાય)

Class 6 Hindi Sem 2 Chapter 7 Swadhyay
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Class 6 Hindi Sem 2 Chapter 7 Swadhyay

Class 6 Hindi Sem 2 Chapter 7 Swadhyay. ધોરણ 6 સેમ 2 હિન્દી વિષયના એકમ 7 નું અભ્યાસ અને સ્વાધ્યાય વાંચી અને લખી શકશો. ધોરણ 6 હિન્દી સેમ 2 એકમ 7 અભ્યાસ અને સ્વાધ્યાય.

कक्षा : 6

विषय : हिन्दी

एकम : 7. यह भी एक परीक्षा

सत्र : द्वितीय

अभ्यास

प्रश्न 1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

(1) देवेन्द्र ने परीक्षा होने के बावजूद भी भिखारी की मदद क्यों की?

उत्तर : भिखारी के पाँव में गहरी चोट लगी थी। उसमें से खून बह रहा था। उसे अस्पताल पहुंचाना जरूरी था । देवेन्द्र के लिए मानव की सेवा सबसे पहला कर्तव्य था। इन्सान की सेवा ही उसकी दृष्टि में सबसे बड़ा धर्म था। इसलिए परीक्षा होने के बावजूद उसने भिखारी की मदद की।

(2) प्रधानाध्यापक ने देवेन्द्र के पिता को बधाई क्यों दी?

उत्तर : देवेन्द्र मेधावी विद्यार्थी था। स्कूल की परीक्षा में उसका पास होना निश्चित था। इसके साथ ही उसने बूढ़े भिखारी की सहायता की थी। अपनी परीक्षा के बावजूद उसने उसे अस्पताल में भरती करवाया था। इस तरह वह इन्सानियत की परीक्षा में भी पास हो गया था। सचमुच, देवेन्द्र एक होनहार सपूत था। इसलिए प्रधानाध्यापक ने उसके पिता को बधाई दी।

(3) क्या देवेन्द्र ने जो किया, वह सही किया? क्यों?

उत्तर : भिखारी के प्रति मानवता दिखाकर देवेन्द्र ने बहुत सही काम किया था। भिखारी अंधा, बूढ़ा और अपाहिज था। घायल होने के बाद वह पूरी तरह असहाय हो गया था। अगर देवेन्द्र उसे अस्पताल में भरती न कराता तो पता नहीं उसकी क्या दशा होती । इन्सान की सेवा व्यक्ति का सबसे पहला कर्तव्य और सबसे बडा धर्म हैं। देवेन्द्र ने इसी कर्तव्य और धर्म का पालन किया था। इसीलिए उसने जो किया, वह सही किया था।

प्रश्न 2. आप स्कूल के मैदान में खेल रहे हैं और आपके साथी को पैर में मोच आ गई, तो आप क्या करेंगे? चर्चा कीजिए।

उत्तर :

मैं – अरे रघु, तू क्यों लँगड़ा रहा है?

रघु – खेलते-खेलते मेरे पैर में मोच आ गई है। मैं ठीक से चल नहीं सकता।

मैं – ठहर, मैं स्कूल के प्राथमिक चिकित्सा केंद्र से आयोडेक्स लेकर आता हूँ।

(मैंने आयोडेक्स का मलम रघु के मोचवाले स्थान पर लगाया। कुछ देर बाद)

रघु – यार ! तेरे इलाज ने तो कमाल कर दिया। अब में ठीक से चल सकता हूँ। सचमुच, तू धन्यवाद के पात्र है।

प्रश्न 3. लिंग के आधार पर वाक्य सही है या गलत? अगर वाक्य गलत है तो सुधारकर दुबारा लिखिए :

(1) मेरे पास एक बड़ी संदूक है। (गलत)

सही वाक्य : मेरे पास एक बड़ा संदूक है।

(2) मैंने अहमदाबाद से अंबाजी की टिकट ली। (गलत)

सही वाक्य : मैंने अहमदाबाद से अंबाजी का टिकट लिया।

(3) रावण के साथ युद्ध में राम का विजय हुआ। (गलत)

सही वाक्य : रावण के साथ युद्ध में राम की विजय हुई।

(4) मैंने पुस्तक खरीदी। (सही वाक्य)

(5) रमेश की स्कूल विशाल है। (गलत)

सही वाक्य : रमेश का स्कूल विशाल है।

(6) आपकी आवाज़ मधुर है। (सही वाक्य)

(7) रोहन को क्रिकेट खेलने में बड़ी मजा आती है। (गलत)

सही वाक्य : रोहन को क्रिकेट खेलने में बड़ा मजा आता है।

(8) हमें पौष्टिक खुराक लेना चाहिए। (गलत)

सही वाक्य : हमें पौष्टिक खुराक लेनी चाहिए।

(9) मैंने एक सुंदर तस्वीर देखा। (गलत)

सही वाक्य : मैंने एक सुंदर तस्वीर देखी।

(10) आज भारी बरसात हुआ। (गलत)

सही वाक्य : आज भारी बरसात हुई।

प्रश्न 4. निम्नलिखित वाक्यों का वचन परिवर्तन करके वाक्य फिर से लखिए :

(1) लड़के मैदान में खेल रहे हैं।

उत्तर : लड़का मैदान में खेल रहा है।

(2) आकाश में पक्षी उड़ रहे हैं।

उत्तर : आकाश में पक्षी उड़ रहा है।

(3) मैंने आज एक व्यक्ति की मदद की।

उत्तर : मैंने आज कई व्यक्तियों की मदद की।

(4) उद्यान में हरा-भरा पेड़ है।

उत्तर : उद्यान में हरे-भरे पेड़ हैं।

(5) मेरी किताब वापिस दीजिए।

उत्तर : मेरी किताबें वापस दीजिए।

स्वाध्याय

प्रश्न 1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

(1) बूटपालिशवाले ने राहगीर से क्या कहा?

उत्तर : बूटपालिशवाले ने राहगीर से कहा कि मैं आपके जूते चमकाकर शानदार बना दूंगा। मैं उन्हें आईना बना दूंगा। उनमें अपनी शक्ल देखकर फिर आप पैसे दीजिए, वे भी सिर्फ दो रुपये !

(2) भिखारी के कटोरे में क्या-क्या था?

उत्तर : भिखारी के कटोरे में कुछ पकौड़ियाँ, अमरूद, रोटी के टुकड़े और कुछ रेजगारी थी।

(3) देवेन्द्र भिखारी को अस्पताल क्यों ले गया?

उत्तर : अंधे भिखारी को किसीने साइकिल की टक्कर मार दी थी। उसकी टाँग में जख्म हो गया था। वह सड़क के बीचोबीच पड़ा था। उसे तुरंत इलाज की जरूरत थी। इसलिए देवेन्द्र भिखारी को अस्पताल ले गया।

(4) देवेन्द्र ने भिखारी के लिए क्या किया?

उत्तर : अंधा और बूढ़ा भिखारी राह के बीच पड़ा कराह रहा था। देवेन्द्र ने उसे वहाँ से उठाकर फूटपाथ पर बिठाया, जो रोटी बाहर गिर गई थी, वह कटोरे में डाल दी। सड़क पर उसके बिखर गए पैसे भी कटोरे में डाल दिए। भिखारी के पाँव में लगे घाव से खून बह रहा था। इसलिए देवेन्द्र उसे सहारा देकर अस्पताल ले गया और वहाँ उसने भिखारी को भरती करा दिया।

(5) प्रधानाध्यापक ने देवेन्द्र के घर फोन क्यों लगाया?

उत्तर : प्रधानाध्यापक को बताया गया कि परीक्षा शुरू हो गई थी, परंतु देवेन्द्र नहीं आया था। देवेन्द्र मेधावी छात्र था। वह उन विद्यार्थियों में था जो प्रथमश्रेणी में आते हैं। उसके अभी तक न आने से प्रधानाध्यापक चिंतित हो उठे। उन्हें लगा कि रास्ते में वह किसी दुर्घटना का शिकार न हो गया हो। इसलिए स्थिति का पता लगाने के लिए उन्होंने देवेन्द्र के घर फोन लगाया।

प्रश्न 2. निम्नलिखित वाक्य कौन-किसे कहता हैं, लिखिए :

(1) “अंधा है क्या? देखकर नहीं चलता। मेरे कप टूट गए।”

उत्तर : चायवाला एक बालक से कहता है।

(2) “जीते रहो बेटा। भगवान तुम्हें अच्छे नंबर से उत्तीर्ण करे।”

उत्तर : भिखारी विद्यार्थी (देवेन्द्र) से कहता है।

(3) “चलो बाबा, तुम्हें अस्पताल तक पहुँचा दूं।”

उत्तर : विद्यार्थी (देवेन्द्र) अंधे-बूढ़े भिखारी से कहता है।

(4) “सर ! परीक्षा शुरू हो गई और देवेन्द्र सेन अभी तक अनुपस्थित है।”

उत्तर : एक अध्यापक प्रधानाध्यापक से कहता है।

(5) शाबाश! तुमने यह जानते हुए भी कि परीक्षा का समय है, अपना कर्तव्य निभाया।”

उत्तर : प्रधानाध्यापक विद्यार्थी (देवेन्द्र) से कहते हैं।

(6) “जूते चमका दूँ, शानदार कर दूंगा।”

उत्तर : बूटपालिशवाला राहगीर से कहता है।

प्रश्न 3. निम्नलिखित परिच्छेद का मातृभाषा में अनुवाद कीजिए :

एक बार अवन्ती के देश में तीन व्यापारी आए। राज दरबार में उन्होंने प्रार्थना की, कि उनके प्रश्नों के उत्तर दिए जाएँ। कोई भी दरबारी व्यापारियों के प्रश्नों के उत्तर नहीं दे सका। यहाँ तक कि राजा भी उलझन में पड़ गए। तब किसीने कहा कि अवन्ती को बुलवाया जाए, वही इनके प्रश्नों के उत्तर दे सकता है। राजा ने अवन्ती को बुलाने की आज्ञा दी। हाथ में लाठी लिए हुए अपने गधे पर सवार अवन्ती दरबार में पहुँचा।

उत्तर : એક વખત અવન્તીના દેશમાં ત્રણ વ્યાપારીઓ આવ્યા. રાજદરબારમાં તેમણે વિનંતી કરી કે તેમના પ્રશ્નોના જવાબ આપવામાં આવે. કોઈ પણ દરબારી વ્યાપારીઓના પ્રશ્નોના જવાબ આપી શક્યો નહિ. એટલે સુધી કે રાજા પણ વિમાસણમાં પડી ગયા. ત્યારે કોઈએ કહ્યું કે અવન્તીને બોલાવવામાં આવે, તે જ એમના પ્રશ્નોના જવાબ આપી શકે છે. રાજાએ અવન્તીને બોલાવવાની આજ્ઞા કરી. હાથમાં લાકડી લઈને, પોતાના ગધેડા ઉપર બેસીને અવન્તી દરબારમાં પહોંચ્યો.

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